भारत की लगभग 58 प्रतिशत आबादी के लिए कृषि आजीविका का प्राथमिक स्रोत है। भारतीय खाद्य उद्योग, वानिकी और मछली पालन, कृषि से जुड़े कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें हमारे देश में रोजगार सृजन करने की अपार संभावनाएं हैं।
वर्तमान में, ये क्षेत्र हमारे देश में नए नए अविष्करों और स्टार्टअप्स के लिए भी पसंदीदा केंद्र बन हुए हैं। अकेले भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मैं अप्रैल 2000 और मार्च 2020 के बीच विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) के रूप में लगभग 9.98 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ है।
राह की इस कड़ी में, होस्ट तरुण निर्वाण ने चौधरी चरण सिंह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर मार्केटिंग (NIAM) में निदेशक के पद पर कार्यरत डॉ रमेश मित्तल जी से बात की और उनसे जानने की कोशिश की इस क्षेत्र में उपलब्ध रोज़गार के अवसरों को और उनको हासिल करने के लिए किस तरह के शिक्षण और प्रशिक्षण की जरुरत पड़ती हे।
(Agriculture is the primary source of livelihood for about 58 per cent of India’s population. The Indian food industry, forestry and fishing are some of the associated fields of agriculture which too have immense potential to generate jobs in our country.
Currently, these fields have also become the hotbed for innovations and startups in our country. The Indian food processing industry alone has cumulatively attracted Foreign Direct Investment (FDI) equity inflow of about US$ 9.98 billion between April 2000 and March 2020.
In this episode of Raah, the host Tarun Nirwan speaks with Dr Ramesh Mittal, Director at
Ch. Charan Singh National Institute of Agricultural Marketing (NIAM) who tells us more career opportunities and required education to gain employment in the sector.)