एक था लड़का मनचला और मस्तमौला | पर, वैसे था वह, बहुत ही सीधा और सच्चा-सा |
दिन में सपने देखना, थी उसकी अनोखी आदत; यही खयाली पुलाव पैदा कर देते नई गुदगुदाती हरकत |
माँ हर बार कहती तू कुछ काम कर, कुछ धाम कर, मगर उसकी सीधी बेफिक्री बातें कहाँ टिकने देती किसी नौकरी पर?
पर शहजादे ने माना था उन्हे गुरु,…