फ़िल्मकारों की नज़र और नज़रिए पर किन चीज़ों की छाप होती है? बचपन में बिताए पलों का उनकी कला से कितना गहरा रिश्ता हो सकता है, इसका अहसास तनूजा चंद्रा से हुई बातचीत से लगाया जा सकता है. सिने-माया की दूसरी कड़ी में तनूजा बताएंगी कि उत्तर भारत में बीते उनके शुरूआती सालों ने उन्हें क्या दिया है और वो एक निर्देशिका के तौर पर कैसा सिनेमा रचने में यक़ीन रखती हैं.
Film director and writer Tanuja Chandra joins Swati Bakshi in episode 2 of Cine-Maya. Tanuja started her career with TV and her cinematic journey began with writing screenplays for films such as Dil Toh Pagal Hai, Tamanna etc. In this episode, she talks about her collaboration with Mahesh Bhatt, her mother and film writer Kamna Chandra and the kind of cinema she wishes to create.