Cine-MayaCine-Maya

एपिसोड. 08: अलंकृता श्रीवास्तव: रोक सको तो रोक लो!

View descriptionShare

अलंकृता श्रीवास्तव हिंदी फ़िल्म निर्देशिकाओं की नई पीढ़ी की नुमाइंदगी करती हैं. उनका कहना है कि प्रकाश झा के साथ काम करके उन्होने ना सिर्फ़ फ़िल्म बनाने की कला सीखी है बल्कि अड़ कर खड़े रहने का हुनर भी हासिल किया है. उनकी फ़िल्म 'लिपस्टिक अंडर माए बुर्खा' की रिलीज़ को लेकर सेंसर बोर्ड से हुई तनातनी ने अलंकृता के इरादों को दबाया नहीं है बल्कि हवा दे दी है. सुनिए अलंकृता के अब तक के करियर की कहानी, उनका अनुभव और अगली फ़िल्म पर बातचीत.

‘Lipstick Under my Burkha’ director Alankrita Shrivastava had to fight a long battle with the Indian censor board. The film could finally release later on and Alankrita garnered a lot of support in India and overseas as well. Do these tensions impact a filmmaker’s practice? What sort of stories does she want to bring to the Indian audience? On this episode of Cine-Maya, Alankrita shares her deep seated ideas, influences and the time that she spent as Prakash Jha’s assistant.

You can listen to this show and other awesome shows on the new and improved IVM Podcast App on Android: https://ivm.today/android or iOS: https://ivm.today/ios

  • Facebook
  • X (Twitter)
  • WhatsApp
  • Email
  • Download

In 1 playlist(s)

  1. Cine-Maya

    9 clip(s)

Cine-Maya

भारतीय सिनेमा के इतिहास को अगर भारतीय सिनेमा का पुरुष इतिहास कहा जाए तो कुछ ग़लत नहीं होगा. सिनेमा औ 
Social links
Follow podcast
Recent clips
Browse 9 clip(s)