लोकगीत- झूमें भारत के देसी रंगो संगलोकगीत- झूमें भारत के देसी रंगो संग
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शादी Special: "आज नवल बना बनड़ी को" अमीर खुसरो जी का प्राचीन गीत एक नए अंदाज़ में .

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लोकगीत : झूमें भारत के देसी रंगो संग

लोकगीत : झूमें भारत के देसी रंगो संग जागरण पॉडकास्ट पेश कर रहा है अब तक का सबसे अनोखा पॉडकास्ट जो है एक म्यूज़िकल प्रोग्राम, यहाँ आपको मिलेंगे हर त्यो 
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इस हफ्ते लोकगीत की विवाह special कड़ी में से हम लेकर आए हैं आपके लिए एक प्राचीन काल का गीत जिसे अपने शब्दों से सुसज्जित किया था अमीर खुसरो जी ने वही खुसरो जी जिनका भारत के शास्त्रीय संगीत और साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान रहा है , सालों से ये गीत अनेक संगीत के दीवानों के दिलों को छूता आरहा है ॥ इसके बोल हैं " आज नवल बना बनड़ी को . माना जाता है कि यह  गीत  उस समय गाया जाता है जब दुल्हा अपनी दुल्हन को उसकी चौखट पर लेने पहुंचता है "

इस खास गीत को पुनः प्रस्तुत करने का प्रयास किया है आधुनिक काल की Gauri, Ashutosh और Sidhhant Kumar ने॥ आइए सुनते हैं इस खूबसूरत प्रस्तुति को. 

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लोकगीत : झूमें भारत के देसी रंगो संग उत्तर प्रदेश और भारत के प्राचीन काल से चले आरहे लोक प्रचलित गी 
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