लोकगीत- झूमें भारत के देसी रंगो संगलोकगीत- झूमें भारत के देसी रंगो संग
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शादी Special: काहे को ब्याही विदेश , बाबुल मोरे

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लोकगीत : झूमें भारत के देसी रंगो संग

लोकगीत : झूमें भारत के देसी रंगो संग जागरण पॉडकास्ट पेश कर रहा है अब तक का सबसे अनोखा पॉडकास्ट जो है एक म्यूज़िकल प्रोग्राम, यहाँ आपको मिलेंगे हर त्यो 
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 बिदाई गीत : आज के लोकगीत विवाह स्पेशल म्यूजिक पॉडकास्ट में हम लेकर आये हैं आपके लिए बिदाई का एक संवेदनाओ से भरा गीत ..विवाह एक ऐसी रस्म होती है जिसमे हर भावनाओ के पल आते हैं , हंसी , मज़ाक, रूठना , मनाना , नाचना और सबसे ज्यादा संवेदना से भरा होता है एक पल जब भीगती हैं पलकें , बिदाई का पल जब हरेक की आँखें भर आती है उसी पल से चुनकर लाये हैं हम आपके लिए आज का ये गीत , जो अनेक सालों से लोकप्रचलित है गीत के बोल हैं " काहे को ब्याही विदेश " आईये सुनते हैं इस खूबसूरत प्रस्तुति को.

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लोकगीत- झूमें भारत के देसी रंगो संग

लोकगीत : झूमें भारत के देसी रंगो संग उत्तर प्रदेश और भारत के प्राचीन काल से चले आरहे लोक प्रचलित गी 
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