बचपन से सुनते आए हैं -
"मौत उसकी है, जिसका ज़माना करे अफ़सोस,
यूँ तो दुनिया में सभी आए हैं मरने के लिए।"
वास्तव में, जीवन एक रंगमंच है, जिसमें अपनी प्रतिभा व क्षमता दिखाने का अवसर बडे़ सुयोग से मिलता है। राह में कितनी भी बाधाएँ व चुनौतियाँ क्यों न आएँ, लगन कभी हार नहीं मानती। संघर्ष व परिश्रम करते हुए, अपने मूल्यों को धारण करते हुए, सफलता के अर्श पर पहुँचना कोई सहज कार्य नहीं था, लेकिन विनम्रता की प्रतिमूर्ति लता मंगेशकर ने एक आदर्श स्थापित किया कि प्रतिभा यदि प्रयासरत रहे तो एक अटल सितारा बनकर अवश्य चमकेंगे। अपनी पहचान बनाएँगे।
खुशी, मोनिका, नंदिता व स्नेहा की ओर से आज का यह एपिसोड कोकिला कंठी लता दीदी को एक श्रद्धांजलि।