कविता: लापता कश्ती (Kavita: Lapata Kashti)
लेखक: सतीश लोथे | आवाज़: के. सी. शंकर प्रेमचंद द्वारा शुरू की गयी ‘हंस’ पत्रिका भारत की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली प्रगतिशील मासिक पत्रिका है। अब हंस ऑडियो की दुनिया में उड़ान भर रही है ‘हंस वाणी’ के रूप में, जिसे अपनी आवाज़ से सजा रहें हैं मुंबई के रंगमंच समूह 'जश्न-ए-क़लम' के कलाकार और मंच दे रहें है…
कहानी: स्थगित समय गुफा के वे फलाने आदमी: भाग-2 (Staghit Gufa ke Ve Falane Aadmi - Part 2)
लेखक: पंकज सुबीर | आवाज़: के. सी. शंकर प्रेमचंद द्वारा शुरू की गयी ‘हंस’ पत्रिका भारत की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली प्रगतिशील मासिक पत्रिका है। अब हंस ऑडियो की दुनिया में उड़ान भर रही है ‘हंस वाणी’ के रूप में, जिसे अपनी आवाज़ से सजा रहें हैं मुंबई के रंगमंच समूह 'जश्न-ए-क़लम' के कलाकार और मंच दे रहें ह…
कविता: समय की सिल (Kavita: Samaya Ki Sil)
लेखक: पद्मजा शर्मा | आवाज़: शाश्विता शर्मा प्रेमचंद द्वारा शुरू की गयी ‘हंस’ पत्रिका भारत की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली प्रगतिशील मासिक पत्रिका है। अब हंस ऑडियो की दुनिया में उड़ान भर रही है ‘हंस वाणी’ के रूप में, जिसे अपनी आवाज़ से सजा रहें हैं मुंबई के रंगमंच समूह 'जश्न-ए-क़लम' के कलाकार और मंच दे रह…
कहानी: स्थगित समय गुफा के वे फलाने आदमी: भाग-1 (Staghit Gufa ke Ve Falane Aadmi - Part 1)
लेखक: पंकज सुबीर | आवाज़: के. सी. शंकर प्रेमचंद द्वारा शुरू की गयी ‘हंस’ पत्रिका भारत की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली प्रगतिशील मासिक पत्रिका है। अब हंस ऑडियो की दुनिया में उड़ान भर रही है ‘हंस वाणी’ के रूप में, जिसे अपनी आवाज़ से सजा रहें हैं मुंबई के रंगमंच समूह 'जश्न-ए-क़लम' के कलाकार और मंच दे रहें ह…
कविता: आशा (Kavita: Aasha)
लेखक: आलोक कुमार मिश्रा | आवाज़: शाश्विता शर्मा प्रेमचंद द्वारा शुरू की गयी ‘हंस’ पत्रिका भारत की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली प्रगतिशील मासिक पत्रिका है। अब हंस ऑडियो की दुनिया में उड़ान भर रही है ‘हंस वाणी’ के रूप में, जिसे अपनी आवाज़ से सजा रहें हैं मुंबई के रंगमंच समूह 'जश्न-ए-क़लम' के कलाकार और मंच …
कहानी: उस गोलार्ध से (Kahani: Us Golardh se)
लेखक: सुश्री कविता | आवाज़: शाश्विता शर्मा प्रेमचंद द्वारा शुरू की गयी ‘हंस’ पत्रिका भारत की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली प्रगतिशील मासिक पत्रिका है। अब हंस ऑडियो की दुनिया में उड़ान भर रही है ‘हंस वाणी’ के रूप में, जिसे अपनी आवाज़ से सजा रहें हैं मुंबई के रंगमंच समूह 'जश्न-ए-क़लम' के कलाकार और मंच दे रह…
कहानी: सब चुप रहे (Kahani: Sab Chup Rahe)
लेखक: संजय जैन | आवाज़: राजेश कुमार प्रेमचंद द्वारा शुरू की गयी ‘हंस’ पत्रिका भारत की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली प्रगतिशील मासिक पत्रिका है। अब हंस ऑडियो की दुनिया में उड़ान भर रही है ‘हंस वाणी’ के रूप में, जिसे अपनी आवाज़ से सजा रहें हैं मुंबई के रंगमंच समूह 'जश्न-ए-क़लम' के कलाकार और मंच दे रहें हैं …
कहानी: वर (Kahani: Var)
लेखक: रत्नकुमार सांभरिया | आवाज़: शाश्विता शर्मा अभिजात्य वर्ग में पति के दुराचारों के बावजूद पुरुष प्रधान समाज की जकड़बंदियां आड़े आ जाती हैं। ‘वर‘ कहानी की नायिका रोशनीबाई जो कुचबन्दा नामक घुमन्तू जनजाति से संबंध रखती है, क्या भरी पंचायत में अपने शराबी और व्याभिचारी पति बोलाराम को छोड़ने का निर्णय क…
कहानी: नायक, खलनायक, विदूषक (Kahani: Nayak, Khalnayak, Vidushaq)
लेखक: मन्नू भंडारी | आवाज़: के. सी. शंकर प्रेमचंद द्वारा शुरू की गयी ‘हंस’ पत्रिका भारत की सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली प्रगतिशील मासिक पत्रिका है। अब हंस ऑडियो की दुनिया में उड़ान भर रही है ‘हंस वाणी’ के रूप में, जिसे अपनी आवाज़ से सजा रहें हैं मुंबई के रंगमंच समूह 'जश्न-ए-क़लम' के कलाकार और मंच दे रहें…
कहानी: मुक्ति (Kahani: Mukti)
लेखक: मन्नू भंडारी | आवाज़: शाश्विता शर्मा भरतीय समाज की विडम्बना देखिये- महिलाओं से जितनी अपेक्षा की जाती है, उनकी उतनी ही उपेक्षा होती है। मुक्ति कहानी में मन्नू भंडारी ने एक वास्तविक स्थिति को लेकर इस सामाजिक सच को बेहद ही सशक्त रुप से उजागर किया है। प्रेमचंद द्वारा शुरू की गयी ‘हंस’ पत्रिका भा…