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गुपकार समझौते के मायने क्या हैं? J&K की राजनीति पूरी तरह बदल जाएगी

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आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद  जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था. इसमें फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती, तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल थे. अब सब रिहा हो चुके हैं और आर्टिकल-370 को हटाए जाने के खिलाफ और जम्मू कश्मीर के  विशेष राज्य के दर्जे को वापस लाने के लिए अलग-अलग पहल भी शुरू कर चुके हैं. इसके लिए 'पीपल्स अलाइंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन' बनाई  गई है. गुपकार समझौता भी कहा जा रहा है. 15 अक्टूबर को इसी समझौते के सिलसिले में एक बैठक भी हुई जिसमें 14 महीने बाद रिहा हुई महबूबा मुफ्ती समेत जम्मू-कश्मीर की पार्टियों के तमाम नेता शामिल थे.

अब ऐसी स्थिति में जब पिछले करीब डेढ साल में जम्मू कश्मीर काफी बदल चुका है.आर्टिकल 370 और 35 A हटाने के बाद जिस तरह से बड़े नेताओं को हिरासत में रखा गया और दूसरे फैसले लिए गए, उसके बाद से ये समझना जरूरी है कि क्या जम्मू-कश्मीर के नेता विशेष राज्य के दर्जे को लेकर केंद्र सरकार को चुनौती दे सकेंगे. आज के पॉडकास्ट में इसी पर बात करेंगे.

रिपोर्ट: फबेहा सय्यद
न्यूज एडिटर:अभय कुमार सिंह
म्यूजिक: बिग बैंग फज
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