कामगारों को कैसे निराश कर रही है भारत की गिग इकॉनमी?
भारत में गिग इकॉनमी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन गिग वर्कर्स को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जनपहल नाम की संस्था ने गिग वर्कर्स पर एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की है जिसमें उनके काम के प्रति दृष्टिकोण को दिखाया गया है। यह रिपोर्ट इन प्रमुख समस्याओं पर विशेष रूप से बात करती है: - दिन भर में लंबे…
'पढ़ने की आदत भी एक अधिकार है'
2024 लोक सभा चुनाव के पहले फ्री लाइब्रेरीज़ नेटवर्क ने 'द पीपल्स नेशनल लाइब्रेरी पॉलिसी 2024' का एक ड्राफ्ट जारी किया है। इसका मकसद पुस्तकालयों के लिए मानक निर्धारित करना है। फ्री लाइब्रेरीज़ नेटवर्क पूरे दक्षिण एशिया में 250 से अधिक लाइब्रेरीज का एक नेटवर्क है। इस ड्राफ्ट में पुस्तकालयों तक निःशुल…
छत्तीसगढ़ के हसदेव अरंड जंगल में विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं ये आदिवासी?
21 और 22 दिसंबर 2023 को, छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अधिकारियों ने हसदेव अरंड जंगल में कोयला खदानों के दूसरे चरण के विस्तार के लिए सैकड़ों हेक्टेयर ज़मीन में हजारों पेड़ों को काट दिया। पिछले एक दशक से आदिवासी छत्तीसगढ़ में 1,500 किमी से अधिक क्षेत्र में फैले हसदेव अरंड जंगलों को बचाने के संघर्ष का …
फोर्टिफाइड चावल - क्यों आदिवासी किसान सरकार द्वारा प्रचारित इस नए चावल को स्वीकार क्यों नहीं कर रहे हैं?
सरकार राशन के चावल में अब उन्हें “फ़ॉर्टिफ़ायड चावल" मिला कर दे रही हैं। सराकर का दावा है की यह चावल विटामिन और आयरन का पाउडर के चूरे को मिला कर फ़ैक्टरी में तैय्यार किया गया हे। यह चावाल खून की कमी और कुपोषण को ठीक करने में मदद करेगा। डॉक्टर और वैज्ञानिको में अभी तक इस पर सहमति नहीं हैं। यह तीन हज…
कृषि के असंगठित क्षेत्र में महिलाओं पर कैसे होती है हिंसा?
कार्यस्थल पर महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रहे यौन उत्पीड़न की रोकथाम, निषेध और निवारण के लिए 2013 में Protection of Women from Sexual Harassment Act, 2013 (PoSH) अधिनियम बनाया गया। PoSH अधिनियम कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए नियोक्ताओं पर कानूनी दायित्व डालता है। लेकिन असंगठित क्षेत्र में काम क…
मणिपुर में डॉक्टरों ने राहत शिविरों की स्वास्थ सुविधाओं पर क्यों जताई गंभीर चिंता?
मणिपुर पिछले चार महीनों से सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में है, जिसके चलते हज़ारों मैतेई और कुकी राहत शिविरों में है। गैर सरकारी संगठन इंडियन डॉक्टर्स फॉर पीस एंड डेवलपमेंट (IDPD) के डॉक्टरों की एक टीम ने 1 से 3 सितम्बर के बीच मैतेई और कुकी क्षेत्रों में राहत शिविरों का दौरा किया। राहत शिविरों का दौर…
भारत में किसान-मज़दूरों को कैसे प्रभावित करती है इंटरनेट बंदी?
2018 के बाद से, दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में भारत में सबसे अधिक बार इंटरनेट बंद किया गया. विरोध प्रदर्शनों से लेकर परीक्षा में नक़ल रोकने तक, भारत में इंटरनेट बंदी होती रहती है. जाहिर है की कई कारणों से सरकारें इंटरनेट बंद करती हैं. लेकिन इंटरनेट का अचानक बंद हो जाना आम लोगों के दैनिक जी…
बिहार में क्यों उठ रही है शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग?
बिहार में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्वी चंपारण जिले के पांच थाना क्षेत्रों में जहरीली शराब से अप्रैल महीने में के तीसरे सप्ताह में कम-से-कम 30 लोगों की मौत हुई. इसके पहले December 2022 में सारण जिले और इसके पड़ोस में हए जहरीली शराब कांड में कम-से-कम 40 लोगों की मौत हुई थी. बिहार में रह-रह कर ह…
राजस्थान का Right to Health Bill डॉक्टरों और मरीजों के लिए क्या मायने रखता है?
राजस्थान Right to Health Bill 21 मार्च, 2023 को पास किया गया। ये बिल मरीजों के अधिकारों पर जोर देता है और इन् अधिकारों के उचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र प्रदान करता है। हालाँकि, 5 अप्रैल को अपनी हड़ताल वापस लेने से पहले 2 सप्ताह से अधिक समय तक निजी डॉक्टरों ने इस विधेयक का विरोध…
हल्द्वानी: भारत में निष्कासन और विध्वंस की राजनीति
इस एपिसोड में, स्नेहा रिछारिया और सुहेल भट हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में 20 दिसंबर को उच्च न्यायालय द्वारा जारी किए गए निष्कासन आदेश को समझने के लिए हल्द्वानी जाते हैं। इस एपिसोड के ज़रिये हम भारत में निष्कासन और विध्वंस की राजनीति को गहराई से समझने की कोशिश करते हैं. हम यह भी समझने की कोशिश कर…